मानव शरीर मे समय के साथ और विभिन्न कारणों की वजह से कई तरह की बीमारियां निवास करने लगती हैं। इनमे से कई बीमारियां ऐसी होती है जो दिखने में सामान्य लगती है लेकिन रोगी की दिनचर्या पर असर डालती है और साथ ही लम्बे समय में कई अन्य तरह की समस्याए भी पैदा करती है। कई बार लोगो को लेटते या सोते समय चक्कर आते हैं। इस समस्या को काफी सारे लोग नजरअंदाज करते हैं लेकिन लेटते सोते समय चक्कर आने पर व्यक्ति को पोजीशनल वर्टिगो बी पी पी वी भी हो सकता है।
अगर आप पोजिशनल वर्टिगो बी पी पी वी की सटीक जानकारी प्राप्त करना चाहते हो तो आपको इसके प्रकारो के बारे में भी पता होना चाहिए, जो कुछ इस प्रकार है:
केनलिथीसिस: इस तरह के पोजिशनल वर्टिगो में कान की नलिकाओं में तरल पदार्थ के स्वतंत्र कण मुक्त गति के साथ घूमते है।
कुपुलोलिथीसिस: इस तरह के पोजिशनल वर्टिगो में कान की नलिकाओं में कण कुपुला से चिपक जाते है। यह काफी कम लोगो में होता है लेकिन अधिक समय तक रह सकता है।
सबसे पहले अगर आप पोजीशन वर्टिगो बी पी पी वी के बारे में नहीं जानते तो जानकारी के लिए बता दे की पोजिशनल वर्टिगो बी पी पी वी के लक्षण कुछ इस प्रकार है:
पोजिशनल वर्टिगो बी पी पी वी होने पर इस तरह से चक्कर कुछ क्षण के लिए आते है। इस बीमारी के कई बार लक्षण अचानक गायब हो जाते है और फिर वापस आ जाते हैं।
पोजिशनल वर्टिगो बी पी पी वी की बीमारी को लोग अक्सर नजर अंदाज करते है इसे इस तरह से नजर अंदाज करना कई तरह की अन्य समस्याओ को निमंत्रण देना होता है।
अगर बात की जाये पोजीशन वर्टिगो के कारणों की तो वह कुछ इस प्रकार है:
चक्कर आने की समस्या को कई लोग सामान्य समझकर नजर अंदाज करते है लेकिन अगर सोते समय या लेटते हुए चक्कर आये तो यह पोजिशनल वर्टिगो बी पी पी वी हो सकता है। लम्बे तक होने पर यह बीमारी रोगी के शरीर में अंसतुलन स्थापित करते हुए कई अन्य समस्याओ को निमंत्रण दे सकती है। ऐसे में इस बीमारी का इलाज जरूरी है।
इस समस्या के इलाज के विषय में अधिक जानने हेतु एशियन न्यूरो सेंटर से संपर्क जरूर करे।