गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) एक दुर्लभ नसों से संबंधी विकार है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपने नर्वस सिस्टम-मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के बाहर स्थित नसों के नेटवर्क पर हमला करती है।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम किसी को भी प्रभावित कर सकता है। यह किसी भी उम्र में हमला कर सकता है। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का प्रारंभिक अवस्था में निदान करना मुश्किल हो सकता है। इसके लक्षण अन्य न्यूरोलॉजिकल विकारों के समान होते हैं और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं।
डॉक्टर्स का मानना है की जीबीएस वाले 85% लोग 6 से 12 महीनों के भीतर पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। एक बार जब आप बेहतर हो जाते हैं, तो इसके लौटने की संभावना बहुत कम होती है।
आपका डॉक्टर आपकी बिमारियों का इतिहास जानेंगे और शारीरिक परिक्षण करेंगे| आपका डॉक्टर आपको कुछ सलाह कर सकता है:
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डायरेक्टर & कंसल्टिंग न्यूरोलोजिस्ट
एशियन न्यूरो सेंटर