मिर्गी (Epilepsy) एक न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर है, जिससे दिमाग में असामान्य तरंगें उत्पन्न होती हैं और दिमाग में गड़बड़ी के चलते इंसान को बार-बार दौरे पड़ने लगते हैं । दौरा पड़ने के कारण दिमागी संतुलन खराब हो जाता है और शरीर लड़खड़ाने लगता है । इस खतरनाक बीमारी के प्रति लोगो को जागरुक करने के लिए भारत में हर साल 17 नवंबर को ‘नेशनल एपिलेप्सी डे’ (National Epilepsy Day 2020) मनाया जाता है । आइए मिर्गी के बारे में और ज्यादा जानते है।
मिर्गी एक केंद्रीय तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकार है। इसमें मस्तिष्क में तंत्रिका कोशिका (Nerve Cell) की गतिविधि बाधित हो जाती है , जिसके वजह से दौरे या कुछ समय तक असामान्य व्यवहार, उत्तेजना और कभी-कभी बेहोशी भी आ जाती है।
मिर्गी संक्रामक नहीं है और मानसिक बीमारी या मानसिक कमज़ोरी के कारण भी नहीं होती है। कभी-कभी गंभीर दौरे के कारण मस्तिष्क को क्षति हो सकता है, परंतु अधिकांश दौरे मस्तिष्क पर हानिकारक प्रभाव नही डालते है । बीमारी से होने वाली मस्तिष्क क्षति से लेकर असामान्य मस्तिष्क विकास तक मिर्गी के कई संभव कारण हो सकते हैं। इसमें जेनेटिक्स भी एक भूमिका निभाता है।
एक अध्ययन के अनुसार जिन्हें बहुत ज्यादा दौरे नहीं पड़ते मिर्गी की बीमारी उनकी सोचने की सक्षमता के साथ कोई गंभीर समस्या पैदा नहीं करता है यदि आपको ज्यादातर प्राइमरी नॉर्मलाइज दौरे पड़ते हैं (जैसे अनुपस्थिति, मायोक्लोनिक या टॉनिक-क्लोनिक दौरे) तो आप समझ लें कि आंशिक शुरुआत वाले दौरे (दिमाग के एक क्षेत्र में शुरू होने वाले दौरे) की तुलना में आपकी सोच में समस्या होने की संभावना बहुत कम है । इस तरह के मिर्गी से पीड़ित कुछ लोगों को उनकी याददास, भाषा या कई तरह सोच की समस्या हो सकती है।