जब एक इंसान के सिर में बहुत तेज़ दर्द उठे और ये असहनीय हो तो ऐसे में माइग्रेन का दर्द होने की आशंका मानी जाती है | माइग्रेन मुख्यत सिर, गर्दन या कान के पास होता है | मानव शारीर में आयुर्वेद के हिसाब से तीन प्रकार के रोग पाए जाते है, वात, पित्त और कफ़ ! वात की वजह से हमारी तंत्रिकाओं में होने वाली परेशानी इसकी खास वजह होती है | अक्सर ये दर्द कुछ घंटे से लेकर कई दिनों तक हो सकता है | अगर सही तरीके से देखें तो इनका मूल कारण अनुवांशिक ही माना जाता है | इसे आम भाषा में अर्धकपारी भी कहा जाता है |
क्लासिक माइग्रेन – इसमें बहुत से लक्षण दिखाई देते हैं, जिससे पता चलता है कि माइग्रेन का दौरा पड़ने वाला है | सिर में बहुत तेज़ दर्द होने लगता है, कन्धों में अकडन और तेज़ दर्द होने लगता है तथा इंसान को धुंधला दिखाई देने लगता है जिससे उसके बेहोश होने के आसार भी बन जाते हैं | इसमें रक्त वाहिनी सिकुड़ने लग जाती हैं |
नॉन- क्लासिक माइग्रेन – जब इंसान को सिर में धीरे धीरे दर्द हो रहा हो और वोसमय के साथ बढे | ऐसे में दर्द निवारक दवाई लेने से ही दर्द में रहत मिल जाती है | माइग्रेन में सिर बहुत तेज़ दर्द करता है और ऐसा लगता है कि मानो कोई जोर से कुछ मार रहा हो |
सिर दर्द अकसर सभी को होता है लेकिन माइग्रेन को पहचानने के लिए कुछ बातें ध्यान रखना ज़रूरी है |
बचने के उपाय के तौर पर हम मौसम के बदलाव को ध्यान रखें | कुछ भी गलत खाने से या पीने से बचें | तापमान का ध्यान और गर्मीं में सीधा निकलने से बचें | पानी ज्यादा से ज्यादा पियें | व्यायाम और योग से आप अपने आप को बहुत हद तक इससे बचा सकते हैं | इसमें हमारे खानपान, मौसम, जीवनशैली में बदलाव, हार्मोन, प्राकृतिक वातावरण, सोने-जागने में असंतुलन और अत्यधिक परिश्रम कारण हो सकते हैं और इन सभी का ध्यान में रखकर हम माइग्रेन के दर्द को सीमित कर सकते हैं |
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परामर्श न्यूरोलॉजिस्ट।