पैरों में जलन होना आम बात है | ये अक्सर अधेड़ उम्र के लोगो से लेकर बुजुर्ग लोगों में पाया जाता है | पैरों के निचले हिस्से में अचानक से दर्द होने लगता है | तलवों में जलन होने लगती है | पैरों में पसीना भी आने लगता है और तापमान भी बढ़ने लगता है |
यह बीमारी तंत्रिका तंत्र के हिस्सों में कुछ क्षति या हानि होने की स्थिति में होती है | जब हमारे न्युरोंस में कुछ कमी आने लगती है और वहां का हिस्सा ख़राब हो जाता है तो वो काम करना बंद कर देता है या बहुत ज्यादा सक्रीय हो जाता है | ऐसी स्थिति में कभी कभी दर्द न होने पर भी तंत्रिकाएं हमारे दिमाग को दर्द का सन्देश भेजती हैं, जिससे हमें पैरों में जलन या दर्द का अनुमान होने लगता है |
अधिकतर मरीज़ के तंत्रिका तंत्र में कोई हानि होने पर सबसे पहले पैरों की तंत्रिकाओं पर ही प्रभाव पड़ता है | इस वजह से हमें पैरों में ये सभी लक्षण महसूस होते हैं |
किसी प्रकार के संक्रमण के कारण भी पैरों में जलन होती है | एक खिलाडी में इसके होने की सम्भावना ज्यादा होती है क्यूँकि उनके फंगस या चोटिल होने कि सम्भावना बनी रहती है | किडनी में अगर इन्फेक्शन हुआ है या कोई सम्बंधित बीमारी आपके पैरों में जलन के कारण हो सकते हैं | अत्यधिक मात्रा में धुम्रपान से भी इसके होने कि आशंका रहती है | बोनमेरो डिसआर्डर के कारण भी इके होने कि सम्भावना रहती है | कुछ बैक्टिरिअल इन्फेक्शन की वजह से भी होता है | लीवर में होने वाली बीमारी की वजह भी एक कारण है | हमारे उतकों में होने वाले डिसआर्डर की वजह से भी पैरों में जलन होती है | किसी के शारीर में होने वाले ट्यूमर जिनसे कई घातक बीमारी हो जाती है वो भी इसके लिए ज़िम्मेदार है |
हमारे शारीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में काम करने वाली कोशिकाओं में कभी कभी कुछ डिसआर्डर पैदा हो जाते हैं, जिसकी वजह से भी हमें पैरों में जलन की शिकायत देखने को मिलती है |
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